डॉट नेट( डार्क वेब):जानकारी जरूरी है
- Amit Shankar
- Feb 21, 2023
- 5 min read

जैसे जैसे हमारा समाज प्रगति की ओर बढ़ रहा है वैसे वैसे अपराध करने के तरीकों में भी बहुत बदलाव हो रहा है उसका सबसे बड़ा उदाहरण इंटरनेट और साइबर क्राइम या अपराध साइबर अपराध सामान्य साइबर अपराध को "किसी भी गैरकानूनी कृत्य के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जहां कंप्यूटर या संचार डिवाइस या कंप्यूटर नेटवर्क का उपयोग अपराध आयोग को प्रतिबद्ध या सुविधाजनक बनाने के लिए किया जाता है"।
इंटरनेट ने आपकी और हमारी जिंदगी को काफी आसान और सरल बना दिया है या ये कहें कि पूरी तरह से बदल दिया है क्योंकि यहाँ पर आपको सब तरीके की इन्फॉर्मेशन और सूचनाएँ एक क्लिक के माध्यम से मौजूद होती है हर चीज़ से जुड़ी इन्फॉर्मेशन पलक झपकते ही मिल जाती है पर क्या आप जानते हैं कि जो इंटरनेट को आप अपनी जिंदगी का बहुत ही अहम हिस्सा बना चूके हैं वहाँ पर छोटी सी गलती आपको एक भारी मुसीबत में फंसा सकती है और क्यों आपको इसको बहुत समझदारी से और सावधानी पूर्वक इइस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि इंटरनेट ( साइबर )का एक डार्क साइड जिसे डार्क वेब भी कहा जाता है वो एक ऐसी जगह है जिससे आप जितना दूर रहे उतना ही हमारे बच्चों ,महिलाओं और अपने लिए भी अच्छा है अब मैं इसके बारे में विस्तार से बताना चाहूंगी कि सच में ये डार्क वेब है क्या और क्यों आपको इससे दूरी बनाएँ रखना जरूरी है
डॉट नेट (डार्क वेब )इंटरनेट का वह हिस्सा है जहा दुनिया के सारे अवैध काम किए जाते है क्यों की डार्क वेब को इइस्तेमाल करने वाले को ट्रैक (track)करना लगभग ना मुमकिन होता है और ऐसा इस लिए क्यों की इसे इइस्तेमाल करने वालों का कोई सटीक IP Address नहीं होता क्यों की इसे वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क। (VPN) के द्वारा संचालित किया जाता है. डार्क वेब मे संचालित होने वाले कोई भी वेबसाईट गूगल और किसी भी सामान्य।सर्च इंजन से नहीं खोजी जा सकते हैं।इनके सर्वर पर गूगल द्वारा नहीं पहुचा जा सकता है डार्क वेब मे TOR browser नाम के टूल से जाया जा सकता है.जहां जहाँ पर न जाने कितनी अनगिनत वेबसाईट है जो अवैध गतिविधि मे शामिल है
अगर आसान भाषा में कहा जाए तो इंटरनेट को तीन हिस्सों में बांटा जा सकता है
सरफेस वेब (Surface web)
डीप वेब (Deep web)
डार्क वेब (Deep web)
Surface web क्या है ?
Surface web Internet का वह हिस्सा है जिससे हर कोई बड़ी आसानी से इइस्तेमाल कर सकता है . हम जो कुछ भी Google web browser या Bing web browser या किसी भी browser मे हम जो भी URL खोल पाते है वह सभी Surface web के अंदर आते है.सामान्य यूजर द्वारा इइस्तेमाल किए जाने वाले Internet यानि Surface web पूरे internet का केवल 4 % ही उपयोग होता है.बाकी के डार्क वेब के अंदर आते है. आप जो भी वेबसाईट जैसे यूट्यूब , Google ,इंस्टाग्राम ,फेसबूक इत्यादि जैसे वेबसाईट जो सभी के लिए उपलब्ध है यह सभी Surface web के अंदर आते है.
Deep web क्या है?
हम अगर बात करे की Deep web क्या है? तो इसे आसान भाषा मे कह सकते Deep web Internet का वह हिस्सा है जिसे इइस्तेमाल करना अवैध नहीं माना जाता है. इंटरनेट का वो हिस्सा है।जो किसी।अथॉराइजेशन और पासवर्ड से ही खुल सकता है।जैसे कि सरकारी वेबसाइट्स,आपका बैंक अकाउंट,किसी भी आर्गनाइजेशन का लॉगइन पासवर्ड बहुत जरूरी है।इस वेबसाइट को यूज़ करने के लिए।अगर आपका पासवर्ड लॉगिन सही नहीं होगा।तो आप।उस।पर्टिकुलर वेबसाइट को।उपयोग नहीं कर पाएंगे यानी की डीप वेब।इंटरनेट का वो हिस्सा हैजो एक अथॉराइजेशन से हीखुलेगा।
Deep web का इस्तेमाल स् सरकारी जानकारी को स्टोर रखने मे किया जाता है।
किसी भी कंपनी की पर्सनल जानकारी जिसे उस कॉम्पनी के वर्कर ही देख सकते है।
बैंक मे जिसे सिर्फ बैंक के संत कर्मचारी ही देख सकते है ।
किसी भी देश के आर्मी वर्कर्स
एयर फोर्स इत्यादि।
एसी कोई भी जानकारी जो आम सर्च रिजल्ट मे नहीं दिखती
डार्क नेट क्या है
यह इंटरनेट का वह हिस्सा है जिसे इस्तेमाल ज्यादा तर अवैध धंधों के लिए किया जाता है.जैसे ड्रग्स को अनलाइन बेचना, चाइल्ड पोनोग्राफी, फिरौती, ब्लैकमेलिंग . हैकिंग ,मानव तस्करी ,अवैध करन्सी का लेन जैसे अवैध धंधों को चलाना और इंटरनेट पर होने वाले सभी अवैध काम Dark Web पर ही किया जाता है.Dark Web या Dark net इंटरनेट का वह वह 96% हिस्सा है जो की आम यूजर से बहुत दूर है और ना ही उन्हें इसकी जानकारी होती है.डार्क वेब की वेबसाइट को एक्सेस करने के लिए special web browser का उपयोग किया जाता है जैसे की TOR ब्राउज़र | dark website के extension हमारे normal website के extension से काफी अलग होते है | डार्क वेबसाइट मे .onion extension का use होता है |

डार्क वेब को आम वेब ब्राउज़र पर नहीं इस्तेमाल किया जा सकता है।इसमे सही IP address को खोजना लगभग ना मुमकिन है उदाहरण के तौर पर यदि आप टॉर ब्राउजर के जरिए इंटरनेट पर कोई भी काम करते हैं, तो आपको कोई सरकारी एजेंसी भी ट्रैक नहीं कर सकती, क्योंकि टॉर ब्राउजर में आईपी (इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस लगातार बदलती रहती है और इंटरनेट की दुनिया में किसी को भी आईपी एड्रेस के जरिए ही ट्रैक किया जाता है। हालांकि टॉर ब्राउजर पर भी कई डार्क वेब वाली वेबसाइट्स बैन हैं।
ये वो मार्केट होती है जहाँ पर अवैध रूप से बनाए जाने वाले प्रोडक्ट और इस तरह के इंडस्ट्रीज होती है जिनके बारे में जानकारी निकाला बहुत ही मुश्किल होती है ,इस तरह के बिजनस सरकार के अनुमति और जानकारी से छुप कर किया जाता है जो की सम्पूर्ण रूप से अवैध कहलाता है और इसका उपयोग बड़े ही गोपनीय तरीके से किया जाता है जिसमे
चाइल्ड पोर्नोग्राफी
ड्रग्स
क्रिप्टोकरेंसी
टेररिज़म
मानव अंगों की तस्करी
फिरौती जैसे डील कीये जाते है.
डार्क वेब को दुनिया के किसी भी कोने से इस्तेमाल कर सकते है यहाँ आपकी पहचान हमेसा ही छुपी रहती है.
आप कोई भी जानकारी या वेबसाईट इंटरनेट से छुपा कर यह स्टोर कर सकते है जिसे कोई भी ट्रैक नहीं कर सकता है.
डार्क वेब के नुकसान
यहा ज्यादातर काम गैर कानूनी तरीके से कीये जाते है.डार्क वेब मे बहुत ही बड़े संख्या मे हकर्स मौजूद है जिसके वजह से आपके कंप्युटर या लैपटॉप का हैक होने का चांस बड़ जाता है.
यहा आपको सुरक्षा प्रदान करने के लिए Windows और google जैसी कंपनी नहीं मिलती आप जो भी करेंगे अपने रिस्क पर करते है.इसलिए आप इसे जितना भी दूर रहे उतना अच्छा है
सिल्क रोड - पहले डार्कनेट बाजार की कहानी
सिल्क रोड एक डिजिटल ब्लैक मार्केट प्लेटफॉर्म था जो बिटकॉइन का इस्तेमाल करते हुए मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों और अवैध ड्रग ट्रांजैक्शन की लेनदेन के लिए लोकप्रिय था । सिल्क रोड, पहले डार्कनेट बाजार के रूप में माना जाता है, २०११ में शुरू किया गया था और अंततः २०१३ में एफबीआई द्वारा बंद कर दिया । इसकी स्थापना रॉस विलियम उल्ब्रिच ने की थी, जो अब सिल्क रोड में अपनी भूमिका के लिए जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है ।
संक्षेप में :
सिल्क रोड एक ऑनलाइन काला बाजार था जहां अवैध या अनैतिक वस्तुओं के खरीदार और विक्रेता गुमनाम रूप से लेनदेन कर सकते थे ।
टॉर नेटवर्क और क्रिप्टोकुरेंसी लेनदेन जैसी गोपनीयता तकनीकों का उपयोग करते हुए, लोग ड्रग्स, हैक किए गए पासवर्ड, अवैध डेटा और अन्य निषिद्ध में लेनदेन करने में सक्षम थे।
एफबीआई ने २०१३ में सिल्क रोड को बंद कर दिया और इसके संस्थापक रॉस उल्ब्रिच को आजीवन जेल की सजा सुनाई गई ।
एफबीआई ने साइट को स्थायी रूप से बंद कर दिया, 144,000 से अधिक बिटकॉइन (तब $ 34 मिलियन मूल्य) जब्त किए, और संस्थापक रॉस उल्ब्रिच सहित साइट के कई उपयोगकर्ताओं को गिरफ्तार किया, जिन्होंने साइट के भीतर किए गए लेनदेन से कमीशन में लगभग $ 80 मिलियन बनाए। 2 Ulbricht २०१५ में दोषी ठहराया गया था और वर्तमान में पैरोल की संभावना के बिना एक जीवन की सजा की सेवा कर रहा है ।
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